एक ढीला आदमी था। काफी ढीला था। और ऊपर से शेखियां अलग बधारता था।
इत्तिफ़ाक़ से उसकी शादी एक ऐसी औरत से हुई जिसके कई मेहनती भाई थे। तो उसका काम चलता रहा। भाई लोग उन दोनों के लिय बहुत कुछ कर देते थे।
एक बार उसने भाइयों को ऐसा फुसलाया कि उन्होंने उन दोनों के लिए एक आलीशान घर खड़ा कर दिया।
जब लोगों ने उसे बधाई दी, तो उसने विनम्र स्वभाव दिखाया और कहा : "हाँ, कई सालों की मेहनत से बनाया है..."
इत्तिफ़ाक़ से उसकी शादी एक ऐसी औरत से हुई जिसके कई मेहनती भाई थे। तो उसका काम चलता रहा। भाई लोग उन दोनों के लिय बहुत कुछ कर देते थे।
एक बार उसने भाइयों को ऐसा फुसलाया कि उन्होंने उन दोनों के लिए एक आलीशान घर खड़ा कर दिया।
जब लोगों ने उसे बधाई दी, तो उसने विनम्र स्वभाव दिखाया और कहा : "हाँ, कई सालों की मेहनत से बनाया है..."